प्रज्वलित होती आग को निहारते समय अगर आदमी मौन हो कर सोचने की प्रक्रिया में उतरे तो जीवन, उसकी सार्थकता, मरण और मरण के आगे के कई प्रश्न तैरने लगते हैं। उन प्रश्नों और विचारों को सयास पकड़ना और भविष्य के लिये संंजोना एक अभूतपूर्व अनुभव है।
Tag Archives: poverty
यह भी किसान हैं, इनको भी सुना जाये
किसानी के आइसबर्ग का टिप है जो अपने ट्रेक्टर ले कर दिल्ली दलन को पंहुचा है और घमण्ड से कहता है कि छ महीने का गल्ला लेकर धरना देने आया है। यह गांव वाला बेचारा तो छ महीने क्या, छ दिन भी दिल्ली नहीं रह पायेगा।
मुसहर बस्ती के चित्र #गांवकाचिठ्ठा
करीब आठ-दस परिवार हैं। उनके प्रति हिकारत, उपेक्षा, शंका और उदासीनता का स्थायी भाव लोगों में है। उसमें कमी नहीं आयी है।
मनरेगा @ लॉकडाउन #गांवकाचिठ्ठा
जब आप गरीबी देखें; उसकी परतें खोलने की कोशिश करें, तो जी घबराने लगता है। दशा इतनी ह्यूमंगस लगती है, इतनी विकराल कि आप को लगता है आप कुछ कर ही नहीं सकते।
बनवासी (मुसहरों) का भोजन रखाव
बनवासी (मुसहरों) का भोजन
[…]उनके पास कोई अलमारी-मेज जैसी चीज तो थी नहीं। आसपास के जीव जन्तुओं और कुत्तों से बचाने के लिये लकड़ी के डण्डे जमीन में गाड़ कर उसके दूसरे सिरे पर भोजन की बटुली-बरतन लटका रखे थे उन्होने।[…]