अब कुंये और तालाब कोई बनवाता नहीं। हैण्डपम्प जो सामुहिक प्रयोग के लिये लगे हैं, वे जिसके घर के पास हैं, वही उनका स्वामी बन बैठा है। पड़ोसी को भी उसका प्रयोग करने नहीं देता।
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में ग्रामीण जीवन जी रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर। वैसे; ट्रेन के सैलून को छोड़ने के बाद गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
अब कुंये और तालाब कोई बनवाता नहीं। हैण्डपम्प जो सामुहिक प्रयोग के लिये लगे हैं, वे जिसके घर के पास हैं, वही उनका स्वामी बन बैठा है। पड़ोसी को भी उसका प्रयोग करने नहीं देता।