राजेश की गुमटी और गांव के सामाजिक-आर्थिक बदलाव


राजेश में विनम्रता भी है। वह अदब से बात करता है। वह सफल हो सकता है। और मैं चाहता हूं कि वह सफल बने। वह गांव (सवर्णों) के जुआरी-गंजेड़ी और निकम्मे नौजवानों की भीड़ से अलग अपनी जमीन और पहचान बनाये। यह आसान नहीं है। पर यह सम्भव है।

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