चिठेरी (हिन्दी ब्लॉगरी) और विवादास्पद होने का पचड़ा.


ब्लॉगिन्ग की दुनिया की ताकत मुझे तब पता चली थी, जब हजरत मुहम्मद पर कार्टून बनाने के कारण मौत का फतवा दिया जा चुका था. मै वह कार्टून देखना चाहता था. प्रिन्ट और टीवी तो ऐसे पचडे़ में पड़ते नहीं. इन्टर्नेट पर मसाला मिला. भरपूर मिला. ज्यादातर ब्लॉगरों के माध्यम से मिला. ब्लॉगरों के प्रति मेरी इज्जत बढ़ गई.

हिन्दी के चिठेरों में वह जज्बा देखने को नही मिलता. अभी तो सब भूख, गांव की मड़ई, कवितायें, हिन्दुस्तान की बदहाली जैसे नान-कन्ट्रोवर्शियल मुद्दों पर की-बोर्ड चला रहे हैं. कैसे वो तकनीकें जानें जिससे उनका चिठ्ठा चमक सके और उसपर ढेरों क्लिक हों – यही मुख्य जद्दोजहद है.

भारत में भी कन्ट्रोवर्शियल मुद्दों पर बहुत कमेंट होते है. रिडिफ पर Francois Gautier के लेख पर जम कर प्रतिक्रियायें थीं.

सो ऐसा नही है कि यह सब हिन्दी में नही लिखा जा सकता. वह भी देर-सवेर होगा. असल में बकौल थॉमस फ्रेडमेन (“The World is Flat”) फ्लेट होती दुनिया पहले चकाचौंध करती ही है. हम हिन्दी चिठेरों को अभी तो हिन्दी में फ्लैट दुनियां का नजारा मिला है. जब कुलाचें भरने से जी थक जायेगा, तब Francois Gautier जैसे लेखक भी हिन्दी में आयेंगे. तब हिन्दी चिठेरी हिन्दीवाद-समाजवाद-रूमानियत से उबर कर विश्ववाद में प्रवेश कर जायेगी. वह दिन दूर नहीं है. 


Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring rural India with a curious lens and a calm heart. Once managed Indian Railways operations — now I study the rhythm of a village by the Ganges. Reverse-migrated to Vikrampur (Katka), Bhadohi, Uttar Pradesh. Writing at - gyandutt.com — reflections from a life “Beyond Seventy”. FB / Instagram / X : @gyandutt | FB Page : @gyanfb

8 thoughts on “चिठेरी (हिन्दी ब्लॉगरी) और विवादास्पद होने का पचड़ा.

  1. सबसे पहले आपका स्वागत है, लेकिन ऐसा नही है कि सारे हिंदी चिट्ठे ऐसा लिख रहे हैं जैसा आपने कहा बस अंतर यही है कि शायद हिंदी मे ऐसा पढने वाले कम हैं तभी लोग ऐसा नही लिखते।आशा है आप से ऐसा ही कुछ पढने को मिलेगा, और अनुभव से बहुत कुछ सिखने को

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  2. अरे आप इस समय इलाहाबाद मे है! तो आईये न गुझिया खाने आपका हार्दिक स्‍वागत करता हूँ। हिन्‍दी चिठ्ठाकारी मे आपका हार्दिक स्‍वगत है। निरंतर लिखते रहिये

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  3. आपकी बात सही है. अभी विहान है दोपहरी का सूर्य तो आना बाकी है.

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