एक सज्जन नेटवर्क मार्केटिंग के तहद घर पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक कुकिंग सिस्टम का डिमॉंस्ट्रेशन कर के गये हैं. पूरे जादुई अन्दाज में. चार कप चाय बना कर बताई है. कूकर की प्लेट पर 500 रुपये का नोट रख कर बताया है कि कुकिंग सिस्टम की प्लेट गरम नहीं होती और नोट जलता नहीं. हाथ भी पीसीContinue reading “नेटवर्क मार्केटिंग का झमेला”
Monthly Archives: Aug 2007
दोषदर्शिता से कौन अछूता है? – एक आत्मावलोकन
दम्भ, स्नॉबरी, रुक्षता, मीकनेस, लल्लुत्व, चिर्कुटई…. ये सभी दुर्गुण सभी वर्गों में विद्यमान हैं. असल में ये मानव मात्र के गुण (दुर्गुण) हैं. मैने “मीक, लल्लू, चिर्कुट और क्या?” लिखा. मैने ही कल “उच्च–मध्य वर्ग की अभद्र रुक्षता” लिखा. उच्च वर्ग के विषय में नहीं लिखा; इसका अर्थ यह नहीं कि वह वर्ग इन गुणोंContinue reading “दोषदर्शिता से कौन अछूता है? – एक आत्मावलोकन”
उच्च-मध्य वर्ग की अभद्र रुक्षता
तेज ब्रेक लगाने से मेरा वाहन रुक गया. हमारे ड्राइवर ने देखा कि ट्रैफिक सिगनल अचानक लाल हो गया है. वाहन स्टॉप-लाइन से तीन-चार कदम आगे चला गया था. ड्राइवर ने वाहन धीरे से बैक करना प्रारम्भ कर दिया. तब तक पीछे एक कार रुक चुकी थी. कार वाले ड्राइवर ने जोर से हॉर्न दिया.Continue reading “उच्च-मध्य वर्ग की अभद्र रुक्षता”
