यदि हमारे पास यथेष्ट चरित्र न हो तो हमारी शक्तियों की बजाय हमारी दुर्बलतायें ही अधिक प्रभावी होंगी, हमारे सौभाग्य की तुलना में हमारा दुर्भाग्य ही अधिक प्रबल होगा, हमारे जीवन में सुख शांति की जगह शोक विषाद की ही बहुतायत होगी और हमारे भविष्य की तुलना में हमारा अतीत ही अधिक गौरवशाली होगा। यदिContinue reading “यदि हमारे पास यथेष्ट चरित्र न हो —”
Monthly Archives: Nov 2007
टिप्पणी नीति – कुछ यूंही विचार
कमेण्ट मॉडरेशन बड़ी वाहियात चीज है। अगर आप अपने पाठकों से जुड़ाव महसूस करते हैं तो यह आपको इण्टरनेट और कम्प्यूटर से दूर नहीं जाने देती। तो फिर मेरे जैसा आदमी, जो टिप्पणी मॉडरेशन के खिलाफ लिख चुका था, मॉडरेशन को क्यों बाध्य हुआ? इस बारे में चर्चा होनी चाहिये कि सुस्पष्ट व्यक्तिगत टिप्पणी नीतिContinue reading “टिप्पणी नीति – कुछ यूंही विचार”
कम्प्यूटर तकनीक बच्चों से सीखें
मेरे पास रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी आये। उन्होने कहीं से सुना था कि मेरे पास कोई वेब साइट है, जिसपर मैं लिखता हूं। ये वरिष्ठ अधिकारी नॉन-टेक नहीं हैं। इंजीनियर हैं। उन्होने जब संघ लोक सेवा अयोग की परीक्षा पास की होगी तब इंजीनियरिग प्रतिभा की क्रीम रेलवे में आती थी। (उम्र के साथ)Continue reading “कम्प्यूटर तकनीक बच्चों से सीखें”
