डेल्हीवरी के नीरज मिश्र जी मचिया का पैकेट ले गये आज!

1 फरवरी 2021 –

नीरज कुमार मिश्र डेल्हीवरी नामक कुरियर कम्पनी से एक दशक से जुड़े हैं। उनपर मैंने पहले भी एक पोस्ट लिखी थी अप्रेल 2020 में, कि कैसे कोरोना संक्रमण के पीक समय में भी वे कार्यरत थे और अपनी सेवायें भदोही के ग्रामीण अंचल में भी प्रदान कर रहे थे। उस समय बाकी सारी कुरियर कम्पनियां बिल में समा गयी थीं। इस इलाके में केवल डेल्हीवरी ही (नीरज कुमार मिश्र की कार्यकुशलता से) अपनी सेवायें प्रदान कर रही थी।

Machiya – मचिया

अब रघुनाथ जी के लिये मचिया भेजने की जरूरत सामने आयी तो मुझे नीरज जी का स्मरण हो आया। हम लोगों ने घर में उपलब्ध कार्डबोर्ड और थर्मोकोल का प्रयोग करते हुये दोनो मचिया एक साथ रख कर एक पैकेट तो बना दिया पर उसे एक बाहरी आवरण देने और उसपर नाम-पता आदि लिखने की बात बाकी रह गयी थी। सोचा कि जूट का एक आवरण दे कर उसे सुतली से सिला जाये। पर वह विकल्प जम नहीं रहा था। जूट का पैकेट के आकार का कोई बोरा भी नहीं था।

नीरज जी ने हमारी समस्या हल कर दी। उन्होने कहा कि आप अपना पैकेट तैयार रखें, वे सवेरे सात बजे अपनी ड्यूटी पर जाते समय उसे कलेक्ट कर लेंगे और डेल्हीवरी के दफ्तर में उस पैकेट को डेल्हीवरी के ही बोरे में पैक कर, उस पर पाने वाले का पता आदि लगा कर, उसकी डिस्पैच की औपचारिकतायें पूरी कर देंगे। औपचारिकतायें पूरी करते समय उसका जो भी कुरियर चार्ज लगेगा, वह मुझे वे फोन पर बता देंगे और वह मुझे फोन-पे एप्प पर उन्हे देना होगा। इस प्रकार गांव में अपने घर से ही मुझे पैकेट भेजने की सुविधा मिल जायेगी। इस तरह की सुविधा की कल्पना भी मैं नहींं कर सकता था।

मैं नीरज जी की एक दिन प्रतीक्षा करता रहा। उनसे फोन पर पूछा तो बताया कि मोटर साइकिल पर एक अन्य व्यक्ति के साथ हो जाने के कारण वे पैकेट लेने नहीं आ सके। वे दूसरे दिन सवेरे सात बजे आये। मैं उनको घर के बाहर गेट पर ही मिल गया।

नीरज दूसरे दिन सवेरे सात बजे आये। मैं उनको घर के बाहर गेट पर ही मिल गया।

उन्होने मेरा और मेरी पत्नीजी का चरण स्पर्श कर अभिवादन किया; पैकेट उठाया और दो मिनट में ले कर रवाना भी हो गये। सवेरे सवेरे चाय की पूछने पर कहा – बाबूजी, आज दफ्तर पंहुचने की जल्दी है। फिर कभी आऊंगा।

नीरज पैकेट लेते हुये।

कुरियर सेवा में पिछले पांच साल में गांव में मैंने बहुत परिवर्तन देखे हैं। शुरू शुरू में डरते डरते मैंने अमेजन और फ्लिपकार्ट से सामान मंगवाना प्रारम्भ किया। यह 2016 की बात है। तब कुरियर प्रतिनिधि गांव में घर पर आने को तैयार ही नहीं होते थे। एक दो पैकेट तो उन्होने यह कह कर मना कर दिये कि ‘सही पते पर कोई व्यक्ति मिला ही नहीं’ जब कि उन्होने आने या सम्पर्क करने का कोई यत्न ही नहीं किया था। फ्लिपकार्ट वाले तो कस्टमर केयर को सम्पर्क करने पर भी कोई सहायता नहीं कर सके। अमेजन वालों ने जरूर तत्परता दिखाई और उनके कहने के बाद कोई प्रतिनिधि बहुत कुड़बुड़ाते हुये पैकेट ले कर आता। अहसान भी जताता और कभी कभी साफ साफ अपना सेवा-शुल्क मांगता। पर यह चिरकुट व्यवहार साल-डेढ़ साल तक ही चला।

उसके बाद अमेजन ने डेलीह्वरी के माध्यम से पैकेट भेजने प्रारम्भ कर दिये। और तब मैं नीरज कुमार मिश्र जी से मिला। नीरज विश्वसनीय, विनम्र और अत्यंत कुशल कर्मचारी और व्यक्ति निकले। उनके साथ परिवार के सदस्य की तरह व्यवहार होने लगा।

मचिये का पैकेट ले कर नीरज अपने भदोही के दफ्तर पंहुचे। वहां से उन्होने मुझे कुरियर चार्ज फोन पर बताया। मैंने घर बैठे पेमेण्ट किया और तुरंत ही उन्होने मोबाइल पर पैकेट बुक करने की रसीद मुझे प्रेषित कर दी।

पैकेट का बोझ जो हमारे सिर पर था; वह नीरज की तत्पर सेवा से हल्का हो गया। नीरज जी ने बताया कि चार दिन में रघुनाथ जी को नोयडा में वह डिलिवर हो जाने की सम्भावना है।

नीरज ने मेरे घर के बाहर अपनी मोटर साइकिल पर बड़ी कुशलता से मचिया का पैकेट बांधा। बांधने के लिये मोटी एलास्टिक की हुक लगी डोरी उनकी मोटर साइकिल में ही जुड़ी थी। उनके रवाना होते ही सामान का बोझ हमारे सिर से उतर गया।

गांवदेहात में रहते हुये साधन विपन्न मैं इससे बेहतर सर्विस की अपेक्षा नहीं कर सकता था। और गांव ही क्यों, शहर में भी नीरज जैसे तत्पर व्यक्ति का मिलना सौभाग्य ही है!


ट्विटर पर एक टिप्पणी –

Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

3 thoughts on “डेल्हीवरी के नीरज मिश्र जी मचिया का पैकेट ले गये आज!

आपकी टिप्पणी के लिये खांचा:

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: