आनंद को केंद्र में रख कर अपनी आदतें ढालने की एक सयास कोशिश की जा रही है। विचार यह है कि हम उसे पैसा खर्च कर, सामान खरीद कर, मार्केटिंग कर या इधर उधर की बतकही/परनिंदा कर नहीं, विशुद्ध प्रसन्नता की आदतें विकसित करने से करेंगे।
Tag Archives: handicraft
डेल्हीवरी के नीरज मिश्र जी मचिया का पैकेट ले गये आज!
मचिया के पैकेट का बोझ जो हमारे सिर पर था; वह नीरज की तत्पर सेवा से हल्का हो गया। नीरज जी ने बताया कि चार दिन में रघुनाथ जी को नोयडा में वह डिलिवर हो जाने की सम्भावना है।
2 मचिया बन गये अंतत:
मचिया के फ्रेम से मेरी पत्नीजी को एक और रचनात्मक काम मिल गया। … मैं बार बार जा कर उन्हे तन्मयता से पेण्ट करते देखता रहा। बहुत कुछ ऐसा भाव था उनके मन में जैसे कोई महिला एक शिशु को दुलार रही हो।
दउरी बनाने वालों का बाजार
संक्रांति के अवसर पर हम लाई, चिवड़ा, गुड़ की पट्टी, तिलकुट, रेवड़ी, गुड़ का लेड़ुआ और गजक जैसी चीजें खरीदने के लिये महराजगंज बाजार गये थे। वहां गिर्दबड़गांव की धईकार बस्ती के संतोष दिखे। एक साइकिल पर बांस की दऊरी लटकाये थे।