इतना खर्च कर रहे हैं उम्मीदवार #गांवपरधानी में!

गांवपरधानी और जिला पंचायती उम्मीदवार अनापशनाप खर्च कर रहे हैं। यह खर्चा विधायकी या संसदीय चुनाव से ज्यादा ही होगा, कम नहीं। उम्मीदवार बहुत ज्यादा हैं और उन्हें आगे कमाने का लालच उससे भी ज्यादा है। वे प्रतिस्पर्धा (रिस्क) और जीतने पर आमदनी (रिवार्ड) के समीकरण को अपने पक्ष में मानते हैं – और वह उन्हें प्रेरित करती है खर्च करने के लिये।

चुनाव का पर्चा भरने के बाद उम्मीदवार अपना घर का पैसा, पत्नी-पतोहू का गहना आदि तो होम कर ही रहे हैं, चंदा मांगने या उधारी मांगने के लिये उचित अनुचित सब प्रकार के लोगों को सम्पर्क कर रहे हैं। यह सब पैसा, जो इकठ्ठा हो रहा है, तुरंत पोस्टर लगाने, गाड़ी-मोटरसाइकिल का पेट्रोल भराने, चाय समोसा, जलेबी खिलाने, गांजा – दारू – भांग का प्रबंध करने या सीधे सीधे वोट खरीदने में जा रहा है। पगलाये हुये हैं उम्मीदवार और खर्च औकात से बाहर कर रहे हैं। दस-पंद्रह में से एक आदमी जीतेगा; वह “बिकास करने” की बजाय अपना हिसाब किताब बनाने में लग जायेगा। बाकी 9-14 लोग “कारवां गुजर गया” मोड में आकर अपनी बदहाली के जख्म सहलायेंगे।

खर्चे के अलावा कितने लोग अपना कामधाम छोड़ कर इस पंचायती-यज्ञ में जुटे हैं। काम है, पर काम पर जा ही नहीं रहे। परिवार में, पट्टीदारी में कोई चुनाव लड़ रहा है तो उसके लिये कई कई दिन ‘परचार’ में काट दे रहे हैं।

आज इस्माइल दिखा। वह महराजगंज कस्बे के पण्डितजी की बेकरी से सामन ले कर छोटे गुमटी वाले दुकानदारों को फेरी लगा कर बेंचता है। उसके बारे में मैं पहले ब्लॉग पर लिख चुका हूं। पिछले पांच सात दिन से वह नहीं दिख रहा था। आज दिखने पर पूछा कि कहां था तो उसने बताया कि गांव में चच्चा का लड़का खड़ा है चुनाव में। उसके लिये प्रचार में व्यस्त था। आज समय निकाल कर फेरी पर निकला है। दो घण्टे बाद वापस जा कर फिर उसी प्रचार में लग जायेगा।

छोटी आमदनी वाला इस्माइल। वह पैसा नहीं तो अपनी सात दिन की दिहाड़ी पंचायती उत्सव में होम कर दे रहा है। और हजारों-लाखों इस्माइल या ईश्वरचंद लगे हैं इसी तरह के उत्सव में; अपना काम-धंधा छोड़ कर। और उधर कोरोना अलग दबेड़ रहा है! इन उम्मीदवारों या उनके नाते-रिश्ते-पट्टी वालों का कोरोना टेस्ट कराया जाये तो उनमें से अनेक बीमार या कोरोनाग्रस्त निकलेंगे। पर अभी किसी को डाक्टर के पास जाने की फुर्सत नहीं है।

गजब रागदरबारी बज रहा है आजकल!

इस्माइल आजकल पंचायती प्रचार में व्यस्त है।

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Published by Gyan Dutt Pandey

Exploring village life. Past - managed train operations of IRlys in various senior posts. Spent idle time at River Ganges. Now reverse migrated to a village Vikrampur (Katka), Bhadohi, UP. Blog: https://gyandutt.com/ Facebook, Instagram and Twitter IDs: gyandutt Facebook Page: gyanfb

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