“कोरोना कहां है साहेब?! मुझे तो कहीं नहीं दिखा। कोई कोरोना से बीमार नजर नहीं आया। वह तो पहले था। छ महीना पहले। अब कहीं नहीं है।” – कड़े प्रसाद ने उत्तर दिया।
मैं, ज्ञानदत्त पाण्डेय, गाँव विक्रमपुर, जिला भदोही, उत्तरप्रदेश (भारत) में रह कर ग्रामीण जीवन जानने का प्रयास कर रहा हूँ। मुख्य परिचालन प्रबंधक पद से रिटायर रेलवे अफसर; पर ट्रेन के सैलून को छोड़ गांव की पगडंडी पर साइकिल से चलने में कठिनाई नहीं हुई। 😊
“कोरोना कहां है साहेब?! मुझे तो कहीं नहीं दिखा। कोई कोरोना से बीमार नजर नहीं आया। वह तो पहले था। छ महीना पहले। अब कहीं नहीं है।” – कड़े प्रसाद ने उत्तर दिया।