गोण्डल की गंदगी और इन तीर्थ पदयात्रियों की तंग करने की प्रवृत्ति ने सौराष्ट्र में जो सुखद अनुभवों का गुलदस्ता बन रहा था और जिसे ले कर प्रेमसागर खूब मगन थे, उसमें से कुछ पुष्प नोच लिये।
Monthly Archives: Dec 2021
गुक्खल
“अपनी माँ को उठा कर गिरनार की 10099 सीढ़ियाँ चढ़ कर जूनागढ़ में हो आया हूं। माँ को सुदामापुरी द्वारका, बेट द्वारका आदि दिखा लाया था।” – गुक्खल अपनी यात्राओं के बारे में बताते हैं।
मोटा दड़वा से घोघावदर
प्रेम सागर ने निकलते ही एक मंदिर के दर्शन किये। वहां मंदिर की खासियत यह है कि चारों धाम की यात्रा कर लौटे लोग उस मंदिर में जरूर जाते हैं, अन्यथा “चारों धाम का पुण्य” फलित नहीं होता।
