उन्हें रात्रि गुजारने के लिये कोई स्थान नहीं मिला। वे इस उहापोह में थे कि क्या नवद्वीप जा कर चैतन्य महाप्रभु के जन्मस्थान का दर्शन करें या अपनी शक्तिपीठ यात्रा पर चलते रहें।
उन्होने बस से नवद्वीप जाने का निर्णय किया।
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
का हेरत हयअ?
एक विघ्नेश्वर जी ने टिप्पणी की। पोस्ट मौसम की अनिश्चितता, आंधी-पानी आदि पर थी। सज्जन ने कहा – घर में रह बुड्ढ़े, ऐसे मौसम में निकलेगा तो जल्दी मर जायेगा।
[…] काला टीका लगा दिया है उन्होने। सौ साल जिया जायेगा बंधुवर। ज्यादा ही!
मंगल चण्डी शक्तिपीठ, उजानी
“भईया, जो पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारी होता है, उसमें सरलता होती है। अहंकार नहीं होता। ये पुजारी जी भी वैसे ही हैं। उनसे मिल कर अच्छा लगा।” – प्रेमसागर ने कहा। शाम की आरती के लिये पुजारी जी ने उन्हें बुलाया भी है।
