सताईसवां दिन – मिले नाश्ता, गमछा, लाठी और इक्यावन रुपये दो विकल्प थे प्रेमसागर के पास। एक था पक्की सड़क के रास्ते चलने का और दूसरा नर्मदा किनारे किनारे कुछ असुविधाजनक मार्ग का। ज्यादातर लोग सुविधा चाहते होंगे। मैं तोल रहा था कि प्रेमसागर कौन सा रास्ता चुनते हैं। अगर वे झटपट परिक्रमा कर अपनेContinue reading “गंजीत से पीलीकरार”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
नीलकंठ से गंजीत
दस जून: श्रद्धा की छाया में छब्बीसवां दिन नीलकंठ से रवाना होते ही एक सज्जन पीछे से आये और प्रेमसागर को हलवा दे कर चले गये। ज्यादा बात भी नहीं हुई उनसे। यह जरूर था कि वे नीलकंठ के थे। अपने खेत पर जाने की जल्दी मे थे वे। नाम बताया – रघुराज सिंह। यूंContinue reading “नीलकंठ से गंजीत”
करौंदमाफी से नीलकंठ
दिनांक 09 जून करौंदमाफी में आश्रम की व्यवस्था अच्छी थी। आसपास गांव नहीं था। आश्रम से दूरी पर गांव थे। पर आश्रम का अन्नक्षेत्र चल रहा था। मैने पूछा – रात की प्रसादी में क्या था? “रोटी, दाल, भुजिया आलू की, चावल सब था। सब भरपेट था भईया। मांगने की भी जरूरत नहीं थी। घूमContinue reading “करौंदमाफी से नीलकंठ”
