कल्लू का बिजूका


अरविन्द वहीं था, गंगा किनारे अपने कोन्हड़ा-नेनुआ के खेत पर। अब वह मुझे पहचानने लगा है; सो दूर से ही उसने नमस्ते करी। मैं उसकी ओर मुड़ा तो बोला – जरा बच के आइयेगा। नीचे नेनुआ के पौधे हैं। पिछले दिनों की सर्दी से पनपे नहीं। वास्तव में नीचे सम दूरी पर जरा-जरा से पौधेContinue reading “कल्लू का बिजूका”

गांववालों, तुम्हारी बार्गेनिंग पावर कहां है?


इलाहाबाद के पास करछना तहसील में जेपी अशोसियेट्स समूह का एक 2000 मेगावाट क्षमता का पावर हाउस आने वाला है। यह जगह टौंस नदी के किनारे है। इस जगह से टौंस नदी लगभग 4-5 किलोमीटर आगे गंगा में मिलती है। गांगेय मैदान की अत्यंत उपजाऊ जमीन। लगभग 500-1000 हेक्टेयर जमीन पर बनने जा रहा हैContinue reading “गांववालों, तुम्हारी बार्गेनिंग पावर कहां है?”

पर्यावरण, विकास और थर्मल पावर हाउस


मुझे पर्यावरण के प्रति चिंता है। मुझे विकास के प्रति भी चिंता है। यह तय है कि तीव्र गति से विकास के लिये हमें ऊर्जा उत्पादन की दर बढ़ानी होगी। इतनी बढ़ी दर के लिये नॉन कंवेंशनल स्रोत पर्याप्त नहीं होंगे।

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