महराजगंज कस्बे का मोची – जमुना


जमुना जूता-चप्पल की मरम्मत करते हैं। उसके अलावा तल्ले बाहर से मंगवा कर उनपर जूता बनाने का भी काम करते हैं। मैंने उनसे दो तीन जोड़ी चप्पलें ली हैं। काफी मजबूत हैं।

रघुनाथ पांड़े जी का मृत्यु-पुराण


रघुनाथ पांड़े कहते हैं – मर जाने पर पूरा इत्मीनान कर लेना। डाक्टर से भी पूछ लेना। कहीं ऐसा न हो कि जान बची रहे। एक चिनगारी छू जाने पर कितना दर्द होता है। पूरी देह आग में जाने पर तो बहुत दर्द होगा। … न हो तो बिजली वाले फ़ूंकने की जगह ले जाना।

कड़ाहे में बनता – गुड़ और चिनियहवाँ पेड़ा


गांव देस की मिठाई दुकान। मैं नहीं समझता कि बहुत आमदनी होगी चिनियहवाँ (ज्यादा चीनी वाला) पेड़ा और ब्रेड पकौड़ा से। पर सुरेंद्र और उस जैसे गांवदेहात वाले यहां रहने के आराम और रोजगार की जरूरत के बीच झूलते रहते हैं।

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