“उस बाग में ढेरों चिड़ियाँ रहती थीं। वहीं एक पेड़ पर बुलबुल भी रहती थी। वह सुनहरे रंग की थी। दिन में वह अकेली रहती थी। उसके माता पिता दूर कहीं काम पर जाते थे …”
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नई पौध के लिये नर्सरी तो जाना ही है! #गांवकाचिठ्ठा
नर्सरी जा कर कुछ मोगरे के पौधे तो लाने ही हैं। यूं, कोरोना काल में बाहर निकलने का खतरा तो है। … पर सावधानी से डर को किनारे करते चलना है।
दार्शनिक, कारोबारी या बाहुबली #गांवकाचिठ्ठा
उसने उत्तर देने के पहले मुंह से पीक थूंकी। शायद मुंह में सुरती थी या पान। फिर उत्तर दिया – “सोचना क्या है। देख रहे हैं, काम करने वाले आ जाएं, नावें तैयार हो कर उस पार रवाना हो जाएं। आज काम शुरू हो जाए। बस।
