आत्मनिर्भरता का सिकुड़ता दायरा


अब हताशा ऐसी है कि लगता है आत्मनिर्भरता भारत के स्तर पर नहीं, राज्य या समाज के स्तर पर भी नहीं; विशुद्ध व्यक्तिगत स्तर पर होनी चाहिये। “सम्मानजनक रूप से जीना (या मरना)” के लिये अब व्यक्तिगत स्तर पर ही प्रयास करने चाहियें।

बेल पके से चिरई के का लाभ?


चिन्ना और उसके माता पिता चिड़िया हैं। बेल गांव है। बेल में बहुत गुण हैं। मीठा है, शीतलता है। स्वास्थ्य के लिये आयुर्वेद बहुत कुछ बताता है बेल में। पर चिड़िया को बेल से क्या लाभ?

पद्मजा के नये प्रयोग


गांव में रहने के कुछ स्वाभाविक नुकसान हैं; पर यहां सीखने को शहर के बच्चे से कम नहीं है। शायद वह जो सीख पाये; वह शहरी बच्चे कभी अनुभव न कर सकें। वह भाषा, मैंनरिज्म और आत्मविश्वास में उन्नीस न पड़े; बाकी सब तो उसके पास जो है, वह बहुत कम को मिलता होगा अनुभव के लिये!

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