सादा जीवन और गर्म होती धरती


यह पोस्ट आगे आने वाले समय में पर्यावरण परिवर्तन, ऊर्जा का प्रति व्यक्ति अंधाधुंध बढ़ता उपभोग और उसके समाधान हेतु श्री सुमन्त मिश्र कात्यायन जी के सुझाये सादा जीवन उच्च विचार के बारें में मेरी विचार हलचल को ले कर है। “सादा जीवन उच्च विचार” – अगर इसको व्यापक स्तर पर व्यवहारगत बनाना हो तोContinue reading “सादा जीवन और गर्म होती धरती”

आपको क्या प्रॉबलम है?!


छोटी सी लड़की मुझे किताब नहीं पढ़ने दे रही। नन्दन निलेकनी की पुस्तक में अंग्रेजी और उसके कारण बन रहे रोजगार के अवसरों पर पढ़ मैं फिर कुछ विवादास्पद सोच रहा हूं। हिन्दी अब भी रोजगारप्रदायिनी नहीं है। ढेरों बिजनेस प्रॉसेस आउटसोर्सिंग के जॉब भारतीयों को अंग्रेजी की जानकारी से मिले हैं। …. पर वहContinue reading “आपको क्या प्रॉबलम है?!”

भविष्य की ओर लौटना


एक नई पीढ़ी देख कर आया हूं। उसके साथ भविष्य की ओर लौटना लाजमी है। नाती हमेशा फुंदनेदार टोपी ही पहने थोड़े रहेगा। उसे इस शताब्दी के पार ले जाना है इस देश को, दुनियां को। कैसी होगी दुनियां? कैसी होगी चुनौतियां? अल गोर के शब्दों में कहें तो धरती हो बुखार है। सतत पेरासेटामॉलContinue reading “भविष्य की ओर लौटना”

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