मुंसीपाल्टी का सांड़


उस दिन दफ्तर से वापस लौटते समय मेरा वाहन अचानक झटके से रुका। मैं किन्ही विचारों में डूबा था। अत: झटका जोर से लगा। मेरा ब्रीफकेस सरक कर सीट से गिरने को हो गया। देखा तो पता चला कि एक सांड़ सड़क क्रॉस करते करते अचानक बीच में खड़ा हो गया था। वाहन उससे टकरातेContinue reading “मुंसीपाल्टी का सांड़”

समाजवादी


एक समाजवादी – एक बेशर्म, निर्लज्ज, भंगार, कबाड़गृह, या इसी तरह के अनूठे नाम के ब्लॉग का सृजक और रेगुलर पोस्ट ठेलक। दो समाजवादी – वीथिका, पगडण्डी, वातायन, गली, चौराहा जैसे नाम के ज्वाइण्ट ब्लॉग के सदस्य। उनमें एक ब्लॉग मॉडरेटर और दूसरा ब्लॉग एड्मिनिस्ट्रेटर। कोई दूसरे से कमतर नहीं। तीन समाजवादी – एक अखिलContinue reading “समाजवादी”

एचटीएमएल की रेल-पटरी और नौ-दो-ग्यारह!


आलोक 9-2-11 के पोस्ट के हेडिंग और विषयवस्तु बड़े सिर खुजाऊ होते हैं। और जब तक आप समझ पायें, वे नौ-दो-ग्यारह हो जाते हैं। पहले वे बोले कि उनके चिठ्ठे का एचटीएमएल अवैध है। फिर वे इतराये कि वे शुद्ध हो गये हैं। पर लोगों की टिप्पणियों का ब्लॉग पर संसर्ग उनके ब्लॉग के गुणसूत्रContinue reading “एचटीएमएल की रेल-पटरी और नौ-दो-ग्यारह!”

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