पहली बार मुझे पता चला कि पलाश या छिउल की जड़ों के रेशे की रस्सी भी बनती है। मजबूत रस्सी। पलाश का हर अंग उपयोगी है। इसके दण्ड को ले कर ही बटुक का यज्ञोपवीत होता है। इसके पत्ते, फूल, फल, छाला – सब का ग्रामीण और वनवासी प्रयोग करते हैं।
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जंगल की वनस्पतियों पर शोध ग्रंथ
मैने श्री प्रवीण चन्द्र दुबे से उनके शोध कार्यों पर लिखी उनकी पुस्तकों पर जिज्ञासा जताई थी। कुछ दिनों बाद मुझे एक अनजान नम्बर से फोन आया। बोटानिकल सर्वे ऑफ इण्डिया के सेण्ट्रल रीजनल सेण्टर, इलाहाबाद से श्री अर्जुन तिवारी फोन पर थे। उन्होने बताया कि कुछ समय बाद वे अपने विन्ध्य की वनस्पतियों परContinue reading “जंगल की वनस्पतियों पर शोध ग्रंथ”
आप एक बार लिखकर कितनी बार मिटाते या उसे सुधारते हैं?
बात वर्ष १९९७ की है जब मैं भीतरकनिका अभ्यारण्य के एक प्रोजेक्ट में शोध सहायक का साक्षात्कार देने के लिए कटक गया था| कम उम्र में इतनी अधिक अकादमिक उपलब्धी को देखकर चयनकर्ता अभिभूत थे| वे हां कहने ही वाले थे कि एक वरिष्ठ चयनकर्ता ने यह प्रश्न दागा| “एक बार भी नहीं| जो भीContinue reading “आप एक बार लिखकर कितनी बार मिटाते या उसे सुधारते हैं?”
