मुहम्मद दाऊद अंसारी की गुमटी


स्मार्ट लगता है वह। पैण्ट-टीशर्ट और हूडी पहने। हाथ में स्मार्टफोन और गले में ब्ल्यूटूथ वाला नेकबैण्ड। गठा हुआ शरीर। किसी रोमान्टिक उपन्यास या फिल्म का पात्र हो सकता है।

ईंटवाँ के बऊ यादव


आज के चरित्र थे बऊ यादव। पास के गांव इंटवाँ के हैं। साथ में पांच छ डिब्बे, प्लास्टिक के बर्तन आदि ले कर आये थे।
गांव का आदमी बऊ! एक छोटी सी वार्ता में मुझे कई शब्द सिखा दिये – मरता, निछौंछे, अरररर!

कालीन की फिनिशिंग


उल्टी कालीन को सीधा कर एक व्यक्ति – अजय – ने मुझे दिखाया। उसने कहा कि उन्हें तो अपने काम की मजूरी मिलती है। मजूरी यानी रोजी रोटी का जरीया। बाकी, असल में कमाई तो मालिक या एक्स्पोर्टक की होती है।

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