भरसाँय और मुहर्रम माई की पूजा


त्यौहार, पूजा और मुहर्रम को उससे जोड़ना – यह बहुत सचेतन मन से नहीं किया होगा उस बालक ने। पर मुहर्रम को मुहर्रम माई बना देना हिंदू धर्म का एक सशक्त पक्ष है। तैंतीस करोड़ देवता ऐसे ही बने होंगे!

टल्ला


मैंने उस उपकरण का नाम पूछा – उन्होने बताया कि टल्ला कहते हैं। शुद्ध देसी जुगाड़ है। मार्केट में नहीं मिलता। बनाते/बनवाते हैं वे।

रुद्राक्ष, तस्बीह और डिजिटल हज!


ज्योतिर्लिंग यात्रा विवरण तो मेरे ब्लॉग पर है ही। अब मन ललक रहा है कि किसी हाजी तो थामा जाये प्रेमसागर की तरह। उनके नित्य विवरण के आधार पर दो महीने की ब्लॉग पोस्टें लिखी जायें! वह इस्लाम को जानने का एक अनूठा तरीका होगा।

Design a site like this with WordPress.com
Get started