कुछ (नये) लोग


कल शनिवार 14 दिसम्बर को मैं वाराणसी में था। सवेरे स्टेशन पर अपने डिब्बे के बाहर दृष्य साफ़ था। कोई कोहरा नहीं। सूरज निकल चुके थे। स्टेशन पर गतिविधियां सामान्य थीं। कबूतर दाना बीन रहे थे। अभी उनके लिये यहां बैठने घूमने का स्पेस था। दिन में ट्रेनों की आवाजाही और यात्रियों की अधिकता केContinue reading “कुछ (नये) लोग”

कर्जन ब्रिज से गंगा पार, पैदल


अपनी मां के कूल्हे की हड्डी के टूटने के बाद के उपचार के सम्बन्ध में नित्य फाफामऊ आना-जाना हो रहा है। अठ्ठारह नवम्बर को दोपहर उनका ऑपरेशन हुआ। सफ़ल रहा, बकौल डाक्टर। [1] उन्नीस नवम्बर को सवेरे उनके पास जाने के लिये मैने नये पुल पर वाहन से जाने की बजाय ऐतिहासिक कर्जन ब्रिज सेContinue reading “कर्जन ब्रिज से गंगा पार, पैदल”

गोनूडीह की ओपनकास्ट खदान


कुसुण्डा, धनबाद के पास अण्डरग्राउण्ड कोयला खदान (गोधर कोलियरी) देखने के बाद मैं BOBR वैगनों में कोयला लदान देखने के लिये कुसुण्डा2 साइडिंग में गया। कुसुण्डा के यार्डमास्टर श्री चटर्जी ने बताया कि वहां सड़क मार्ग से भी जा सकते हैं और प्लेसमेण्ट के लिये जाने वाले कोल-पाइलट (इंजन जो कोयले का रेक ले कर साइडिंगContinue reading “गोनूडीह की ओपनकास्ट खदान”

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