कन्दमूल फल, चिलम और गांजा – 2012 की पोस्ट पर री विजिट


… लगता है कि (कम से कम ग्रामीण समाज में) गांजा को एक सीमा तक रिस्पेक्ट प्राप्त है, जो बीड़ी, खैनी या तंबाखू को नहीं…

हेमेन्द्र सक्सेना, रिटायर्ड अंग्रेजी प्रोफेसर, उम्र 91, फेसबुक पर सक्रिय माइक्रोब्लॉगर : मुलाकात


हेमेन्द्र जी ने अपने संस्मरण टुकड़ा टुकड़ा लिखे हैं. उनके लगभग 14 पन्ने के हस्त लिखित दस्तावेज की फोटो कॉपी मेरे पास भी है. कभी बैठ कर उसका हिन्दी अनुवाद कर ब्लॉग पर प्रस्तुत करूंगा.

पेण्ट माई सिटी प्रॉजेक्ट, प्रयागराज


प्रयागराज गया था मैं पिछले मंगलवार। ढाई दिन रहा। शिवकुटी का कोटेश्वर महादेव का इलाका बहुत सुन्दर चित्रों वाली दीवालों से उकेरा हुआ था। पहले यह बदरंग पोस्टरों से लदा होता था। बड़ा सुन्दर था यह काम। (अर्ध) कुम्भ मेला तीन महीने में होगा प्रयागराज में। कई शताब्दियों बाद शहर का नाम पुन: प्रयागराज हुआContinue reading “पेण्ट माई सिटी प्रॉजेक्ट, प्रयागराज”

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