गाँव के संदर्भ में लॉकडाउन क्या है?


लॉकडाउन तो तब कहा जाये जब घर ऐसा हो, जिसपर लॉक हो/लग सकता हो। गांव में वैसे घर गिनती के हैं।

आज के चित्र – मेदिनीपुर, पठखौली और इटवा


घास छीलने वाली सवेरे सवेरे निकल पड़ी थीं। आपस में बोल बतिया भी रहे थीं। गर्मी बढ़ रही है। गाय-गोरू के लिये घास मिलनी कम हो गयी है। उसके लिये इन महिलाओं को अब ज्यादा मशक्कत करनी पड़ने लगी है।

सढ़सठ साल के राजन भाई कोरोना-काल में अतिरिक्त सतर्क हैं


उन्हें अहसास है अपनी बढ़ती उम्र, इम्यूनिटी का घटता स्तर, और इम्युनिटी बढ़ाने की जरूरत का। जितना गम्भीर वे हैं, उस स्तर पर सभी 65 पार लोगों को होना चाहिये।

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