ब्लॉगिन्ग की दुनिया की ताकत मुझे तब पता चली थी, जब हजरत मुहम्मद पर कार्टून बनाने के कारण मौत का फतवा दिया जा चुका था. मै वह कार्टून देखना चाहता था. प्रिन्ट और टीवी तो ऐसे पचडे़ में पड़ते नहीं. इन्टर्नेट पर मसाला मिला. भरपूर मिला. ज्यादातर ब्लॉगरों के माध्यम से मिला. ब्लॉगरों के प्रतिContinue reading “चिठेरी (हिन्दी ब्लॉगरी) और विवादास्पद होने का पचड़ा.”
Monthly Archives: Mar 2007
नेकी, दरिया और भरतलाल पर श्री माधव पण्डित
रिश्ते स्थायी नहीं होते. हम सोचते हैं कि मित्रता शाश्वत रहेगी, पर वैसा नहीं होता. इसी प्रकार दुश्मनी भी शाश्वत नहीं होती. अत: दुश्मन से व्यवहार में यह ध्यान रखो कि वह आपका मित्र बन जायेगा. और मित्र में भविष्य के शत्रु की संभावनायें देख कर चलो.
हरिश्चंद्र – आम जिन्दगी का हीरो
मेहनत की मर्यादा में तपता, जीवन जीता – जूझता, कल्पनायें साकार करता हरिश्चंद्र क्या हीरो नहीं है?
