लॉकडाउन में गुन्नीलाल – गांव के सखा


कल सवेरे साइकिल से उनकी ओर गया। गुन्नीलाल जी हमेशा बाहें फैला कर गले मिलते थे – यही हमारा नॉर्मल मोड ऑफ अभिवादन था। पर कल कोरोनावायरस काल में उन्होने दूर से नमस्कार कर स्वागत किया। घर के बाहर नीम के पेड़ के नीचे हम बैठे भी सोशल डिस्टेंसिंग के नॉर्म का विधिवत पालन करते हुये।

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