कहीं से पुरानी मेज ला कर उसने अपनी दुकान सजाई है। उसकी प्लाई उखड़ रही है। उसे मैं सुझाव देता हूं कि आमदनी से कुछ बचत कर वह पेण्ट ला कर उसपर रंग कर दे, जिससे उसकी मेज आकर्षक लगे।
Monthly Archives: Sep 2021
डिण्डौरी – नर्मदा किनारे धर्मशाला में रात्रि
धर्मशाला वालों ने बहुत मान सम्मान किया। कमरे में झाड़ू लगवा कर दरी बिछवाई, गद्दा, चादर और कम्बल आदि साफ साफ दिये। धर्म शाला थी तो चारपाई नहीं थी, गद्दा फर्श पर ही लगा। बड़े आदर-प्रेम से भोजन कराया। “लगता है नर्मदा माई अपने पास रात में सुलाना चाहती थीं, सो उन्होने धर्मशाला में बुला लिया। अब कल सवेरे यहीं माई की गोद में स्नान कर आगे बढ़ूंगा।”
कोदों का भात – करंजिया से गाड़ासरई
आज तपती सड़क पर पैर जला। मैंने उनसे पूछा – सैण्डल लेने की नहीं सोची? बताये – “सोचा; पर भईया मन माना नहीं। आज लोगों ने बताया कि डिण्डौरी के रास्ते कहीं चट्टी (कपड़े का स्ट्रैप लगी खड़ाऊं) मिलती है। वह मिली तो खरीदूंगा।
