मेरी सरकारी कार कॉण्ट्रेक्ट पर है। ठेकेदार ने ड्राइवर रखे हैं और अपनी गाड़ियाँ चलवाता है। ड्राइवर अच्छा है। पर उसे कुल मिलते हैं 2500 रुपये महीना। रामबिलास रिक्शेवाला भी लगभग इतना ही कमाता है। मेरे घर में दिवाली के पहले पुताई करने वाले आये थे। उन्हें हमने 120 रुपया रोज मजूरी दी। उनको रोजContinue reading “बम्बई जाओ भाई, गुजरात जाओ”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
मित्रों, आप तो मेरा पर्सोना ही बदल दे रहे हैं!
किसी भी जन्म दिन पर नहीं हुआ कि मुझे इतने एकोलेड्स (accolades – प्रशस्तियाँ?) मिले हों। सुकुल ने तो इतना कहा कि जितना मेरे किसी जगह के फेयरवेल में भी नहीं कहा गया। सभी कुछ सुपरलेटिव! उसके बाद तो आप सब ने इतना चढ़ाया कि मुझे अपने पर्सोना (persona – व्यक्ति का सामाजिक पक्ष) मेंContinue reading “मित्रों, आप तो मेरा पर्सोना ही बदल दे रहे हैं!”
तनाव की बोगी तो चलाओ मत जी!
तनाव में कौन काम नहीं करता। ब्लॉगरी में एक बिरादरी है। सुपीरियॉरिटी कॉम्पेक्स से लबालब। जनता का ओपीनियन बनाने और जनता को आगाह करने का महत्वपूर्ण काम ये करते हैं तो जाहिर है कुछ भगवा तत्व (या नॉन भगवा भी) इनको कॉर्नर कर लेते हैं। कॉर्नर होने से बचने में पहले तो ये गुर्राते रहतेContinue reading “तनाव की बोगी तो चलाओ मत जी!”
