आज की ब्लॉग पोस्ट – शैलेंद्र चौबे की नयी दुकान


छोटे स्तर पर ही सही; एक सवर्ण नौजवान की सरकारी नौकरी की मरीचिका से पार निकलने की कोशिश बहुत अच्छी लगी!

अशोक शुक्ल ने दैनिक पूजा का लाभ बताया, और वह बड़ा लाभ है!


अशोक पण्डित ने कहा कि शोक और दु:ख अलग अलग मानसिक अवस्थायें हैं। जहां दु:ख का मूल अभाव में है; वहीं शोक अज्ञान से उपजता है – अज्ञान प्रभवं शोक: (गरुड़ पुराण)।

उड़द दल रही है सुग्गी; पर गीत गाना नहीं आता


कीली पर घूमती चकरी पर वह ध्यान रखती है। पांच या छ चक्कर लगने पर वह चकरी के मुंह में एक मुठ्ठी उड़द डालती है। चकरी की घरर घरर की आवाज आती है…

Design a site like this with WordPress.com
Get started