गोरखपुर को प्रस्थान?


सन 2003 के अक्तूबर से लगभग पौने दो साल मैने गोरखपुर में गुजारा था। वहां की कुछ स्मृतियां हैं। रेलवे कालोनी, मोहद्दीपुर में रहते थे हम लोग। घर में लीची और आम के वृक्ष थे। बहुत ज्यादा नहीं घूमा मैं गोरखपुर में और जितना घूमा, उससे कम स्मृतियों में संजोया। एक बार पुन: पूर्वोत्तर उत्तरप्रदेशContinue reading “गोरखपुर को प्रस्थान?”

कर्जन ब्रिज से गंगा पार, पैदल


अपनी मां के कूल्हे की हड्डी के टूटने के बाद के उपचार के सम्बन्ध में नित्य फाफामऊ आना-जाना हो रहा है। अठ्ठारह नवम्बर को दोपहर उनका ऑपरेशन हुआ। सफ़ल रहा, बकौल डाक्टर। [1] उन्नीस नवम्बर को सवेरे उनके पास जाने के लिये मैने नये पुल पर वाहन से जाने की बजाय ऐतिहासिक कर्जन ब्रिज सेContinue reading “कर्जन ब्रिज से गंगा पार, पैदल”

डेण्टिस्ट से एक अप्वॉइण्टमेण्ट


मैं पॉल थरू की दूसरी यात्रा पुस्तक – द घोस्ट ट्रेन टू द ईस्टर्न स्टार पढ़ रहा था। पॉल थरू अंकारा में अपने दांत की एक लूज फिलिंग के इलाज के लिये डेण्टिस्ट के पास गये थे। सामान्यत: डेण्टिस्ट के पास जाने की बात किसी ट्रेवलॉग में बहुत बारीकी से नहीं लिखी जायेगी। पर पॉलContinue reading “डेण्टिस्ट से एक अप्वॉइण्टमेण्ट”

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