उस धनी का कहना भर था कि उस मंदिर की नीव का पत्थर मिट्टी में धसकने लगा। मंदिर एक ओर को झुकने लगा। वह झुका मंदिर एक वास्तविकता है।
Category Archives: वाराणसी
उनकी गांव में मकान बनाने की सोच बन रही है। बसेंगे भी?
अगर ईमानदारी से कहा जाये तो हर व्यक्ति, जो गांव में रीवर्स माइग्रेट होने की सोचता है, उसे कुछ न कुछ मात्रा में नीलकण्ठ बनना ही होता है। पर मैं अगर गांव में आने के नफा-नुक्सान का अपनी प्रवृत्ति के अनुसार आकलन करता हूं; तो अपने निर्णय को सही पाता हूं।
राम सेवक के बागवानी टिप्स
उनके आते ही घर के परिसर की सूरत बदलनी शुरू हो गयी है। हेज की एक राउण्ड कटिंग हो गयी है। मयूरपंखी का पौधा अब तिकोने पेण्डेण्ट के आकार में आ गया है। एक दूसरे से भिड़ रहे पेड़ अब अनुशासित कर दिये गये हैं।
