घुरहू मुसहर से बातचीत


करहर में महुआ के पेड़ के नीचे बैठा मिला घुरहू। पास में एक करीब 10 फुट की लग्गी (पेड़ से पत्ते तोड़ने की पतले बांस की चोंच जुड़ी डण्डी) पड़ी थी। साथ में उसकी पत्नी और एक कम्बल। पत्नी पास के किसी नल से अपने बरतनों में पानी भरकर लाई थी। बरतन में था एकContinue reading “घुरहू मुसहर से बातचीत”

डेढ़ी – डेढ़ किलोमीटर लम्बी गांव की सड़क


वह व्यक्ति नहीं है, गाय गोरू भी नहीं है। वह गांव की सड़क है। उसके एक ओर रेलवे लाइन है। अगर लाइन का अवरोध न होता तो वह नेशनल हाईवे-19 तक जाती। दूसरी ओर द्वारिकापुर गांव है जो गंगा नदी के तीर पर है। कुल मिला कर यह सड़क, डेढ़ी, रेलवे लाइन और गंगा नदीContinue reading “डेढ़ी – डेढ़ किलोमीटर लम्बी गांव की सड़क”

हनक-ए-योगी


द्वारिकापुर गंगा किनारे गांव है। जब मैने  रिटायरमेण्ट के बाद यहां भदोही जिले के विक्रमपुर गांव में बसने का इरादा किया था, तो उसका एक आकर्षण गंगा किनारे का द्वारिकापुर भी था। यह मेरे प्रस्तावित घर से तीन किलोमीटर दूर था और इस गांव के करार पर बसा होने के बावजूद गंगा तट पर आसानी सेContinue reading “हनक-ए-योगी”

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