यह सतर्क रह कर सामान्य जीवन जीने का समय है #गांवकाचिठ्ठा


कोरोना को लेकर बहुत सी भ्रांतियां डाक्टरों ने, मीडिया ने और राजनेताओं/सेलीब्रिटीज ने फैलाई हैं। वे भ्रांतियां जितनी शहरों में हैं, उतनी गांवों में भी हैं।

गांव लौटे लोग बिना रोजगार ज्यादा बैठ नहीं पायेंगे #गांवकाचिठ्ठा


अगर उन्हें घर पर रहते हुये एक सम्मानजनक व्यवसाय मिल जाता है, जो प्रवास से भले ही कुछ कम आमदनी दे, तो वे सब यहीं रुक जायेंगे और यह समाज और उत्तर प्रदेश की बड़ी जीत होगी।

भय कोरोना का नहीं, ट्रक की उजड्ड ड्राइविंग का है – #गांवकाचिठ्ठा


दोनो अपने साइकिल से निकलने चलने को सही ठहरा रहे थे। लेकिन मुझे लगा कि सरकार ने अगर बसें इंतजाम कर दी होतीं, तो बहुत सही रहता। पर सरकारों ने कुछ किया ही नहीं।

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