मचिये के लिये मिला राजबली विश्वकर्मा से


राजबली का परिवार अलाव जला कर कोहरे में गर्माहट तलाशता बैठा था। आकर्षक मूछों वाले राजबली एक मोटे लकड़ी के टुकड़े को बसुले से छील भट्ठा पर काम करने वालों के लिये खड़ाऊँ बना रहे थे।

Design a site like this with WordPress.com
Get started