उसने उत्तर देने के पहले मुंह से पीक थूंकी। शायद मुंह में सुरती थी या पान। फिर उत्तर दिया – “सोचना क्या है। देख रहे हैं, काम करने वाले आ जाएं, नावें तैयार हो कर उस पार रवाना हो जाएं। आज काम शुरू हो जाए। बस।
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राजेश सरोज – जल्दी ही बम्बई लौट जाऊंगा #गांवकाचिठ्ठा
वह लॉक डाउन के पहले ही गांव आया था, उसके बाद लॉक डाउन हो गया और वापस नहीं जा सका। अब मौका लगते ही फिर वापस जाएगा। वहां का काम राजेश को पसंद है।
कैंची सीखना #गांवकाचिठ्ठा
भारत बहुत बदला है, पर अभी भी किसी न किसी मायने में जस का तस है। भारत और इण्डिया के बीच की खाई बहुत बढ़ी है। वह कैंची सीखती साइकिल से नहीं नापी जा सकती।
