कहां से आता है अवसाद? चेहरे पे हंसी देता है कौन?


कहां से आता है अवसाद? चेहरे पे हंसी देता है कौन? मेरे लिये यह कविता का विषय नहीं, जद्दोजहद का विषय रहा है. पिछले महीने भर से मैने अपने एक बहुत करीबी को अवसाद में घिरते देखा है. अवसाद चिकित्सा के साथ साथ सपोर्ट मांगता है. अपने हिन्दुस्तान में चिकित्सा की बजाय ओझाई का सहाराContinue reading “कहां से आता है अवसाद? चेहरे पे हंसी देता है कौन?”

दुनियां में वेब सेंसरशिप बढ़ रही है


फाइनेन्शियल टाइम्स में रिचर्ड वाटर्स का न्यूज आइटम है कि दुनियां में वेब सेंसरशिप बढ़ रही है. तकनीकी विकास का प्रयोग “उल्टी दिशा में प्रगति” हेतु किया जा रहा है. हार्वर्ड लॉ स्कूल के OpenNet Initiative नामक प्रॉजेक्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया है. दस देश – चीन, ईरान, बर्मा,सऊदी अरेबिया, ट्यूनीसीया, उजबेकिस्तान, तुर्की, बेलाContinue reading “दुनियां में वेब सेंसरशिप बढ़ रही है”

इँदारा कब उपेक्षित हो गया?


बचपन में गांव का इँदारा (कुआँ) जीवन का केन्द्र होता था. खुरखुन्दे (असली नाम मातादीन) कँहार जब पानी निकालता था तब गडारी पर नीचे-ऊपर आती-जाती रस्सी (लजुरी) संगीत पैदा करती थी. धारी दार नेकर भर पहने उसका गबरू शरीर अब भी मुझे याद है. पता नहीं उसने इँदारे से पानी निकालना कब बंद किया. इँदाराContinue reading “इँदारा कब उपेक्षित हो गया?”

Design a site like this with WordPress.com
Get started