डाक्टर साहब बताते हैं कि कि पास में कोई क्वैक (नीम हकीम) डाक्टर है जो प्रसव कराता (कराती) है. उसके दो तीन खराब किए केस यहां अस्पताल (सूर्या ट्रॉमा सेंटर) में आए हैं. मेरे पिताजी के बगल वाले बिस्तर पर इमर्जेंसी वार्ड में है वह महिला. पतली दुबली. साँवली – शायद उसकी श्यामलता में तांबेContinue reading “बुआ का इनारा का झोलाछाप गायनिक डाक्टर और बिगड़ा हुआ केस”
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सूर्या ट्रॉमा सेंटर पर सोच – एक फुटकर पोस्ट
उसने बताया कि सुबह शाम कर्मचारियों के साथ वह बातचीत करता है. समझाता है कि कहां कौन सा disinfectant प्रयोग में लाना है. कहाँ सूखा और कहां गीला पोछा लगाना है. कर्मचारियों के साथ डांट और पुचकार दोनों का इस्तेमाल करता है. वह एक प्रकार से ऑन जॉब ट्रेनिंग दे रहा है कर्मचारियों को. दुर्गेश का जोश मुझे आशा वादी बनाता है.
पेंट माई होम, तिउरी के राकेश का हुनर
द्वारिकापुर के ग्रामीण द्वारा अपने घर की दीवार पर चित्र पेंट कराना आकर्षक लगा मुझे. कभी मुझे भी अपने घर में दीवारों पर कुछ पेंट कराने का मन हुआ तो तिउरी के इस कलाकार को तलाशूंगा.
उनके हाथ में स्वाद है – रामधारी यादव और संजय शुक्ला की केन्टीन
कुल मिला कर अच्छी और सस्ती सुविधा कही जाएगी यह कैंटीन और उसके अच्छे और जानदार घटक हैं संजय और यादव जी.
अस्पताल के एमरजेंसी वार्ड का वैराग्य
डा. आलोक जी से बात होने पर लगा कि जैसा श्मशान वैराग्य होता है, उसी तरह एक वैराग्य एमरजेंसी वार्ड का भी होता है. सेंसिटिव लोग (और डाक्टर भी) उससे प्रभावित हुए बिना नहीं रहते.
हरिशंकर मिश्र उर्फ शिवधारी
भारत में – जहां कुटुम्ब व्यवस्था जिंदा है, हरिशंकर जैसा उदाहरण असहज करता है.