“गांव-गली आवाज लगा कर बेचूंगा। सामने क गांव में जाई क चोंकरब। जेके लई के होये, ऊ ले। (सामने के गांव में जा कर चिल्ला कर आवाज लगाऊंगा। जिसे लेना हो, लेगा।”
Author Archives: Gyan Dutt Pandey
नवद्वीप, समाजबाड़ी और मायापुर
प्रेमसागर ने मुझे बताया – “फोन पर पिताजी ने मायापुर के लॉज वाले से कहा कि मेरा लड़का है, तीर्थ यात्रा पर निकला है। कोई गलत काम नहीं कर रहा। उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। तब जा कर लॉज वालों ने कमरा दिया है।”
गुनरी और मड़ई
थोड़ी देर मैंने इंतजार भी की कि जिसकी मड़ई है वह आ जाये तो कुछ बात हो और उसका इस मड़ई में सोने का ध्येय पता चल सके।
पर मड़ई और गुनरी अपने आप में सुंदर हैं। कौन बनाता होगा गुनरी? एक दो मुझे भी बनवानी हैं अगली सर्दियों के लिये।
