गौ-गंगा-गौरीशंकर के सतीश सिंह भारत देख चुके साइकिल से!


बताया गया कि सुनील ओझा जी हैं जो इस प्रॉजेक्ट के काम धाम नियन्ता हैं। वे गुजराती सज्जन हैं। गौ-गंगा-गौरीशंकर की इस विशाल प्रॉजेक्ट की परिकल्पना उनकी है या प्रधानमंत्री जी की; यह मुझे नहीं मालुम। पर वृहत स्तर पर वाराणसी और प्रयाग के बीच कुछ बनने जा रहा है।

मतदाता वशीकरण यज्ञ और अन्य बातें


देखा कि गांव की सड़कें जो योगी सरकार ने आते ही ठीक करवाई थीं, अब साढ़े चार साल में उधड़ गयी हैं। उनपर सवार हो कर वोट नहीं खींचे जा सकते। सो बारिश का मौसम बीतते ही वोट-खींचक यज्ञ (या मतदाता वशीकरण यज्ञ) प्रारम्भ कर दिया गया है। सड़क किनारे अलकतरा के ड्रम सीधे खड़े कर उन्हें गरम किया जा रहा है।

देवास से उज्जैन और उज्जैन में


पहले प्रतीक्षा में एक घण्टा बैठना पड़ा। फिर चार से पांच बजे के बीच महाकाल का सिंगार हुआ और उसके बाद एक घण्टा भस्म आरती। श्मसान की भस्म की आरती। छ बजे बाहर निकल कर उन्होने अपनी एक सेल्फी ली; यादगार के रूप में।

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