लौटते समय मैं सोच रहा था – चालीस साल इस तरह के अनुभव कभी नहीं हुये। सवेरे साइकिल भ्रमण। बारिश में फंसना। मड़ई में शरण और एक किसान से इस तरह मुलाकात/बातचीत! कितने अफसर यह अनुभव ले पाते होंगे? नौकरी में या उसके बाद।
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छोटी मछली से बड़ी पकड़ने की तकनीक
गहरी नदी यानी करारी। इन लोगों ने बताया कि उथली नदी को पटपट कहते हैं। करारी नदी में मछलियां होती हैं, पटपट में नहीं। मछली पकड़ने की सम्भावना बढ़ाने के लिये उनके लिये यह जानना जरूरी था कि नदी करारी है या पटपट।
शाम 7 बजे ‘बोधई’ का बाटी चोखा
कुल मिला कर पूरी सेल्समैनी चाइना छाप माल बेचने में पारंगत है। सेल्समैन के गुणों के मोहजाल में स्वदेशी और राष्ट्रवाद से ओतप्रोत ग्राहक कड़क से मुलायम बनते हुये अंतत: चाइनीज पर टूटता है! आत्मनिर्भरता तेल लेने चली जाती है!
