सूर्यमणि तिवारी – अकेलेपन पर विचार


फोन पर ही सूर्यमणि जी ने कहा था कि बहुत अकेलापन महसूस होता है। यह भी मुझे समझ नहीं आता था। अरबपति व्यक्ति, जो अपने एम्पायर के शीर्ष पर हो, जिसे कर्मचारी, व्यवसाय, समाज और कुटुम्ब के लोग घेरे रहते हों, वह अकेलापन कैसे महसूस कर सकता है?

यह साल बॉयोग्राफी के नाम सही!


ये सभी सही पात्र हैं, जीवनी लेखन के। इनके माध्यम से आधुनिक समय में ताराशंकर बंद्योपाध्याय के गणदेवता या मुन्शी प्रेमचंद के कई उपन्यासों का सीक्वेल बन सकता है। पर वह सब करने के लिये मुझे जीवनी विधा का बारीकी से अध्ययन करना चाहिये।

मुझे क्या पढ़ना, देखना या सुनना चाहिये?


पढ़ने, देखने या सुनने के इतने विकल्प जीवन में पहले कभी नहीं थे। अब टेलीवीजन का महत्व खत्म हो गया है। जो कुछ है वह मोबाइल या टैब पर है। जब लिखना होता है तब टैब या लैपटॉप पर जाना ठीक लगता है। उसके लिये कभी कभी लगता है कि विण्डोज वाले लैपटॉप की बजायContinue reading “मुझे क्या पढ़ना, देखना या सुनना चाहिये?”

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