किताबों की दुनियां में पांच पीढ़ियां


इस ब्लॉग में लोकभारती के दिनेश ग्रोवर जी पर कुछ पोस्टें हैं। प्रयागराज में “लोकभारती” में उनसे कई मुलाकातें हुईं। जब वे मित्रवत हो गये तो चाय भी मंगाया करते थे मेरे आने पर। उनसे मुलाकात पर अन्तिम पोस्ट 2013 की है। फिर उनसे मिलने का सिलसिला टूट गया, जब मैं 2014 के प्रारम्भ मेंContinue reading “किताबों की दुनियां में पांच पीढ़ियां”

प्रयागराज, लाइव सर्टीफिकेट और बैंक अधिकारी श्रीमती दिव्या गौड़ से मुलाकात


लाइव सर्टीफिकेट हेतु प्रयागराज की यात्रा रिटायर्ड सरकारी पेंशनर्स के लिये बैंक नवम्बर के महीने में तीर्थ स्थान सा होता है। वहां जा कर अपने जीवित होने का प्रमाण देना अनिवार्य वार्षिक कर्मकाण्ड है। मेरे घर में मेरे पिताजी और मैं – दो व्यक्ति सरकारी पेंशनर हैं। मेरा पेंशन खाता वाराणसी में है और पिताजी काContinue reading “प्रयागराज, लाइव सर्टीफिकेट और बैंक अधिकारी श्रीमती दिव्या गौड़ से मुलाकात”

लिखूं, या न लिखूं किताब उर्फ़ पुनर्ब्लागरो भव:


मेरे साथ के ब्लॉगर लोग किताब या किताबें लिख चुके। कुछ की किताबें तो बहुत अच्छी भी हैं। कुछ ने अपने ब्लॉग से बीन बटोर कर किताब बनाई। मुझसे भी लोगों ने आग्रह किया लिखने के लिये। अनूप शुक्ल ने मुझे ब्लॉग से बीन-बटोर के लिये कहा (यह जानते हुये कि किताब लिखने के बारेContinue reading “लिखूं, या न लिखूं किताब उर्फ़ पुनर्ब्लागरो भव:”

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