पिछले शनिवार वाराणसी से औंडिहार जाते हुये सब ओर कांवरिये दिख रहे थे। बनारस आते हुये – उनके कांधे पर डण्डी और उससे लटकी छोटी छोटी प्लास्टिक की लुटिया/कमण्डल में गंगा जल। डण्डी अपनी अपनी श्रद्धा अनुसार सजाई हुयी – फूलों और आम की टेरियों से सजाने का युग अब समाप्त हो गया है। उनकेContinue reading “कैथी और कांवरिये”
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गांव में शैलेन्द्र दुबे के साथ
शैलेन्द्र का परिवार बनारस में रहता है और वह गांव में। चार भाइयों में दूसरे नम्बर पर है वह। चार भाई और एक बहन। बहन – रीता पाण्डेय, सबसे बड़ी है और मेरी पत्नी है। मैं रेल सेवा से रिटायर होने के बाद गांव में रहने जा रहा हूं – शैलेन्द्र के डेरा के बगलContinue reading “गांव में शैलेन्द्र दुबे के साथ”
DEMU – डेमू गाड़ी का उद्घाटन समारोह
अपनी रेल सेवा के दौरान मैने कई ट्रेनों के शुभारम्भ के समारोह देखे हैं। बहुतों में बहुत सक्रिय भूमिका रही है। इन्दौर से देश के विभिन्न भागों में जाने वाली लगभग आधा दर्जन ट्रेनों का शुभारम्भ, अलग-अलग रेल मन्त्रियों द्वारा होते देखा है। माधव राव सिंधिया, नीतिश कुमार, ममता बैनर्जी, लालू प्रसाद यादव के समारोहोंContinue reading “DEMU – डेमू गाड़ी का उद्घाटन समारोह”
