साम्यवाद तारतार हो गया मेरे जीवन के दौरान। समाजवाद (भारत में) परिवारवाद मात्र बन कर रह गया है। पूंजीवाद क्या इसी तरह खत्म हो कर टेक-सामंतवाद को इलाका सौंप दे देगा? आगे क्या होगा, समय ही बतायेगा।
Category Archives: Book
अतिवृष्टि, रात, सवेरा और माधव गाडगिल
बारिश हो रही है, फिर तेज और फिर और तेज। आज होती रहेगी। बाजार जाना है। शायद वह न हो पाये। सामान्य से अलग दिन ज्यादा अच्छा लगता है!
… मैं फिर पुस्तक कर लौटता हूं। क्या किया जाये? माधव गाडगिल जी की किताब खरीद ली जाये?!
सूर्यमणि तिवारी – अकेलेपन पर विचार
फोन पर ही सूर्यमणि जी ने कहा था कि बहुत अकेलापन महसूस होता है। यह भी मुझे समझ नहीं आता था। अरबपति व्यक्ति, जो अपने एम्पायर के शीर्ष पर हो, जिसे कर्मचारी, व्यवसाय, समाज और कुटुम्ब के लोग घेरे रहते हों, वह अकेलापन कैसे महसूस कर सकता है?
