अ-निमंत्रित


संक्रांति पर समारोह में गुड़ का लड्डू रखा गया है ट्रे में। निमंत्रित लोग खा रहे हैं। एक सहृदय वालेण्टियर उसे भी एक लड्डू दे देता है। एक हाथ में लड्डू ले कर वह तुरंत दूसरा आगे करता है – “एक ठे अऊर दई द। हमार बूढा बा संघे (एक और देदो, मेरी पत्नी भी साथ में है)।”

रविशंकर मिश्र, 62+


मेरे ब्लॉग के पढ़ने वाले (मेरा अनुमान है) नौजवान और 30-50 की उम्र वाले अधिक होंगे। उन्हें सीनियर सिटिजंस के मसलों में शायद बहुत दिलचस्पी न हो; पर जिंदगी के खेल के हाफ टाइम की सीटी कब बज जाती है, वह खिलाड़ी को ध्यान ही नहीं रहता।

श्री कृष्ण अवतार पाण्डेय


मेरे लिए तो कृष्ण अवतार जी रोल मॉडल हैं. धारा प्रवाह सुसंस्कृत अवधी.. बुढ़ापे को सम्मानजनक रुप से काटने के लिए सजग और देश काल पर सूक्ष्म अवलोकन वाली दृष्टि.

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