बरसात, सांप और सावधानी


बरसात का मौसम बस अब दस्तक देने ही वाला है। नाना प्रकार के साँपो के दस्तक देने का समय भी पास आ रहा है। शहरी कालोनियाँ जो खेतो को पाटकर बनी हैं या जंगल से सटे गाँवो में साँप घरो के अन्दर अक्सर आ जाते है। वैसे तो बिलों मे पानी भरने और उमस सेContinue reading “बरसात, सांप और सावधानी”

उद्यम और श्रम


उद्यमैनेव सिध्यन्ति कार्याणि, न मनोरथै। नहि सुप्तस्य सिंहस्य: प्रविशन्ति मुखे मृगा:॥   और बहुधा हम उद्यम को श्रम समझ लेते हैं। श्रम पर अधिपत्य लाल झण्डा जताता है। लाल झण्डा माने अकार्यकुशलता पर प्रीमियम। उससे कार्य सिद्ध नहीं होते। मैने सवाई माधोपुर में एक बन्द सीमेण्ट कम्पनी के रिवाइवल का यत्न देखा है। बात शुरू हुईContinue reading “उद्यम और श्रम”

प्रतिस्पर्धा


मैं मुठ्ठीगंज में दाल के आढ़तिये की गद्दी पर गया था -  अरहर की पचास किलो दाल लाने के लिये। दाल कोई और ला सकता था, पर मात्र जिज्ञासा के चलते मैं लाने गया। प्रतिस्पर्धा कर्मठ व्यक्ति को आगे बढ़ाती है। तकनीकी विकास यह फैक्टर ला रहा है बिजनेस और समाज में। यह प्रतिस्पर्धा उत्तरोत्तरContinue reading “प्रतिस्पर्धा”

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