जिस बात ने मेरा ध्यान खींचा, वह एक तीर लगा कर महिला शौचालय दिखाया जाना। इस यूपोरियन पितृसत्तात्मक समाज में इस तरह की चीज अजूबा टाइप है। स्त्रियों को लम्बी दूरी तक यात्रा में ब्लैडर भरा होने पर भी, अपने को रोकना पड़ता है।
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बैठकी – मरण चर्चा और पुनर्जन्म का सिद्धांत
पिछली चर्चा पर एक महिला जी की टिप्पणी फेसबुक पर प्राप्त हुई – अब मरने की चर्चा कीजिये। शायद वे साठ और साठोत्तर व्यक्तियों से मरण पर सुनना चाहती हों, या शायद उन्होने इसे यूं ही लिख दिया हो; हमने टिप्पणी को पूरी गम्भीरता से लिया और यह “मरण-चर्चा” कर डाली।
बैठकी – धीरेंद्र दुबे जी से रिटायरमेण्ट @ 45 पर बातचीत
धीरेंद्र सामान्य मुद्दों पर भी मनन-मंथन कर कुछ नया नजरिया प्रस्तुत करने की विधा के माहिर हैं। इसीलिये मैंने सोचा कि रिटायरमेण्ट @ 45 वाले मुद्दे पर वे कुछ बेहतर बता सकेंगे, तभी यह विषय मैंने उनके समक्ष रखा।
