प्रतिस्पर्धा


मैं मुठ्ठीगंज में दाल के आढ़तिये की गद्दी पर गया था -  अरहर की पचास किलो दाल लाने के लिये। दाल कोई और ला सकता था, पर मात्र जिज्ञासा के चलते मैं लाने गया। प्रतिस्पर्धा कर्मठ व्यक्ति को आगे बढ़ाती है। तकनीकी विकास यह फैक्टर ला रहा है बिजनेस और समाज में। यह प्रतिस्पर्धा उत्तरोत्तरContinue reading “प्रतिस्पर्धा”

सादा जीवन और गर्म होती धरती


यह पोस्ट आगे आने वाले समय में पर्यावरण परिवर्तन, ऊर्जा का प्रति व्यक्ति अंधाधुंध बढ़ता उपभोग और उसके समाधान हेतु श्री सुमन्त मिश्र कात्यायन जी के सुझाये सादा जीवन उच्च विचार के बारें में मेरी विचार हलचल को ले कर है। “सादा जीवन उच्च विचार” – अगर इसको व्यापक स्तर पर व्यवहारगत बनाना हो तोContinue reading “सादा जीवन और गर्म होती धरती”

कीचड़ उछाल स्पर्धा


जब मुद्दे नहीं होते उछालने को तो कीचड़ उछाली जाती है। हाथ काट डालने से यह सिलसिला शुरू हुआ था। लेटेस्ट है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व्याभिचारियों की जमात है। मेरी पुरानी पोस्ट से: मैं हिन्दू हूं – जन्म से और विचारों से। मुझे जो बात सबसे ज्यादा पसन्द है वह है कि यह धर्मContinue reading “कीचड़ उछाल स्पर्धा”

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