शहरों का जो स्वरूप है, सो है। गांवदेहात में पैसा कम है, प्रकृति प्रचुर है। तो प्रकृति को ही बेच कर पैसा बनाने की कवायद (जोरशोर से) हो रही है।
Category Archives: ग्रामचरित्र
अंगद दास त्यागी, लम्बी जटाओं वाला साधू #गांवकाचिठ्ठा #ग्रामचरित
साइकिल पर चलता अपनी लम्बाई से ज्यादा लम्बे केश वाला जटाजूट धारी साधू। यह देश विचित्रताओं से भरा है। और वे विचित्रतायें कहीं दूर दराज जंगल-झाड़ी-खोह में नहीं हैं। हमारे आसपास हैं।
लम्बी जटाओं वाला साधू #गांवकाचिठ्ठा
खड़ा होने पर उसकी जटाओं के घनत्व और लम्बाई, दोनो का पता चला। लम्बे कद का कृषकाय साधू तो था ही वह। लम्बे हाथ पैर। आजानुभुज! बाल उसकी लम्बाई से ज्यादा लम्बे थे। तरह तरह के साधू हैं भारतवर्ष में।
